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रविवार, 18 जुलाई 2021

हे मेरे आदर्श आलू और परम प्रिय प्याज 
देश के हर रसोई में आज तुम्हारा ही है साम्राज्य 
तुम हो बड़े महान 
तुम्हेकोटि कोटि प्रणाम
अन्य सब्जियां तो दो-चार दिनों में ही हो जाती है खराब पर स्वाद तुम्हारा, हमेशा रहता है लाजवाब 
 क्योंकि तुम जमीन से जुड़े हो 
 धरती मां की कोख से हुए बड़े हो
 कुछ कट जाते हो, हो जाते हो कुर्बान 
 पर लोगों के स्वाद का लगते हो बड़ा ध्यान 
 हे मेरे आदर्शआलू और परमप्रिय प्याज
 तुम हो बड़े महान
 तुम्हारी सहज उपलब्धता और मिलनसार स्वभाव
  डाल देता है सब पर सहज ही प्रभाव
 तुम्हारा सब के साथ मिलजुल कर उसका स्वाद बढ़ाने का करिश्मा 
   बढ़ा देता है तुम्हारे व्यक्तित्व की गरिमा 
  आज हर सब्जी कितनी में प्याज का प्रमुख स्थान है और हर चाट और समोसे में आलू जी रहते विद्यमान हैं बरसती बरसात में जब कट पिट कर 
  बेसन से लिपट कर 
  उबलते तेल में कूदकर 
  जब पकोड़े का अवतार लेकर निकलते हो 
  सच बड़े प्यारे लगते हो 
  तुम्हारा यह बलिदान 
  बना देता है तुम्हें महान 
 हे आलू हे प्याज तुम हो महान
  तुम्हें कोटि-कोटि प्रणाम

मदन मोहन बाहेती घोटू

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