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शुक्रवार, 8 जनवरी 2021

रेवड़ी

रूप उनका सुनहरा था ,गुड़ की भेली की तरह ,
होश हमने खो दिये जब नज़र थी उन पर  पड़ी
इस तरह उनने पकाया ,गुड़ था अपने प्यार का ,
दिल हमारा ,तिल सा चिपका ,बन गया है रेवड़ी

घोटू 

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