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रविवार, 27 दिसंबर 2020

नीला आसमान खो गया

नीला आसमान खो गया
उगलती काला धुंवां है ,फैक्टरी की चिमनियां
कार,ट्रक ,डीज़ल ,प्रदूषित कर रहे सारी हवा
खेत में जलती पराली
पटाखों वाली दिवाली
नीला आसमान खो गया

वृक्ष ,जंगल कट रहे है बन रहे नूतन भवन
बिगड़ता जाता दिनोदिन ,प्रकृति का संतुलन
सांस लेने में घुटन है
बहुत ज्यादा प्रदूषण है
नीला आसमान खो गया

सरदियों  में धुंध कोहरा,गरमियों में आंधियां
बनी दूरी चाँद तारों और  इंसान  ,दरमियां
टिमटिमाते थे जो तारे
नज़र आते नहीं  सारे
नीला आसमान खो गया

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

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