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मंगलवार, 10 नवंबर 2020

आयुष की प्रेम गाथा

सीधा सादा हमारा ,यह आयुष कुमार
बैंगलोर में  जा हुए  ,इसके नयना चार
इसके नयना चार ,किसी ने ऐसा लूटा
मन में पहली बार ,प्रेम का लड्डू फूटा
दिल को भायी दीपिका काजू कतली जैसी
इन्दौरी पोहे संग  आयी  गरम जलेबी

आयुष के मन में खिले ,फूलझड़ी के फूल
प्रेम पटाखा बज गया ,मौसम के अनुकूल
मौसम के अनुकूल ,आयी ऐसी दीवाली
दिल मे दीप  प्रेम का जला गयी दिलवाली
प्रेम रश्मि से किया दीपिका ने दिल रोशन
'घोटू 'जगमग आज हो रहा मन का आंगन

मंजू मन उल्लास है ,बनी बहू की सास
बेटा घोड़ी चढ़ेगा ,आया मौका ख़ास
आया मौका ख़ास ,बहुत जगदीश प्रफुल्लित
बेटे का घर बसा ,बहुत मन है आनंदित
रितू ने भाभी पायी ,रिया ने पायी मामी
हर्षित चाचा ,ताऊ ,और खुश नाना नानी

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
 

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