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मंगलवार, 4 अगस्त 2020

उँगलियाँ

फंसा करके उँगलियाँ में उँगलियाँ ,
           साथ चलते ,हम फंसे थे प्यार में
पकड़ ऊँगली ,पहुँच पहुंची तक गए ,
         उलझा ऊँगली ,कुन्तलों के जाल में
पहना ऊँगली में अंगूठी प्रेम से ,
                  साथ पाया,सात फेरे ले लिये
उँगलियों के इशारों पर तुम्हारे ,
                जिंदगी भर ,पूरी नाचा ही किये
बच्चों ने भी पकड़ कर के उँगलियाँ ,
              चलना सीखा ,जिंदगी मे कुछ बने
बुढ़ापे में आज भी वो उँगलियाँ ,
                सहलाती है ,प्यार करती है हमें

घोटू 

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