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मंगलवार, 28 जुलाई 2020

फटाफट

धीरज  हमारा ,बहुत  ही गया  घट
हमें चाहिए सब ,फटाफट फटाफट

इस जेट युग ने ,सोच ही बदल दी
सभी काम हम ,चाहते जल्दी जल्दी
जल्दी मिले ,नौकरी और प्रमोशन
जल्दी से लें हम ,कमा ढेर सा धन
जरा सी भी देरी ,करे कुलबुलाहट
हमें चाहिए सब ,फटाफट फटाफट

किसी का किसी पर,अगरआया मन है
तो फिर ' ऑन  लाइन 'होता मिलन है  
चलती है हफ़्तों , तलक उनकी 'चेटिंग '
अगर सोच मिलती  ,तो होती है 'सेटिंग '
नहीं होती बरदाश्त ,कोई रुकावट  
हमें चाहिए सब ,फटाफट फटाफट

करे नौकरी वो ,कमाती हो पैसा
नहीं देखते हम ,है परिवार कैसा
करी  बात पक्की ,नहीं बेंड बाजा
न घोड़ी ,बाराती ,न दावत ,तमाशा
चटपट हो मंगनी ,शादी हो झटपट
हमें चाहिए सब ,फटाफट फटाफट

मियांऔर बीबी,जो 'वर्किंग कपल 'हो
रहे व्यस्त दोनों , तो ऐसे  गुजर  हो
थके घर पे लौटो ,तो मैग्गी बनालो
करो फोन स्विग्गी से खाना मँगालो
नहीं कोई चाहे ,पकाने का झंझट
हमे चाहिए सब ,फटाफट फटाफट

समय के मुताबिक ,जो होता सही है
कुदरत के नियम ,बदलते नहीं है
समय बीज को वृक्ष ,बनने में लगता
नियम के मुताबिक ,है मौसम बदलता
बदल तुम न सकते ,करो कितनी खटपट
हमें चाहिए सब ,फटाफट फटाफट

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

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