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सोमवार, 29 जून 2020

हम विपक्ष है

सत्तारूढ़ कोई भी दल हो
यही चाहते ,सदा विफल हो
तोड़फोड़ कर कोशिश करते ,
जैसे  तैसे  वो  निर्बल हो

हरदम रहते इस तलाश में
कोई मुद्दा  लगे हाथ में
नहीं चैन से बैठ सकें हम ,
उलझे रहते खुराफात में

जब भी थोड़ा मौका पाते
सत्ता सर सवार हो जाते
बुला प्रेस टीवी वालों को ,
हाय  तोबा बहुत मचाते

मौसम का रुख देखा करते
तब ही पासे  फेंका करते
कैसे भी माहौल गरम कर ,
अपनी रोटी  सेंका  करते  

आरोपों  प्रत्यारोपों में ,
हम प्रवीण है ,बड़े दक्ष है
              हम विपक्ष है  
हमने भी भोगी है सत्ता
किन्तु कट गया जबसे पत्ता
नहीं पूछता अब कोई भी ,
हालत खस्ता है, अलबत्ता

इसीलिये है हम चिल्लाते
टी वी ,पेपर में दिखलाते
ताकि बने रहे चर्चा में ,
लोग यूं ही ना हमें भुलादे

सत्तादल से लेते पंगा
बात बात में अड़ा अड़ंगा
खोल हमारी करतूतों को ,
वो  जब हमको करते नंगा

ऐसे दिन आये है ग़म के
सूखे श्रोत सभी इनकम के
चलती जब सत्ता की खुजली ,
हम रहते है दमके दमके

कैसे फिर हथियायें सत्ता ,
अपना तो बस यही लक्ष है
                 हम विपक्ष है

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

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