पृष्ठ

सोमवार, 18 मई 2020

लॉक डाउन -4

पहला भी गया ,दूजा  बीता ,मुश्किल से तीन गया काटा
अब चार आगया लॉकडाउन ,हर तरफ फिर वही सन्नाटा
है बड़ा विकट ,सारा संकट ,ये कोरोना का ,फ़ैल रहा
कर दिया सभी को आतंकित ,हर देश दंश ये झेल रहा
सारी दुनिया में घबराहट ,कितनो के ही हर लिए प्राण
सब सहमे से ,घर में दुबके ,है बहुत दुखी और परेशान
दो चार ,चार से कर लेंगे ,लड़ना है और निपटना है
ये नहीं पांचवां रूप धरे ,प्रभु से  बस  यही   प्रार्थना है

मदनमोहन बाहेती ;घोटू '

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।