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बुधवार, 6 मई 2020

आदत पड़ गयी  पीने की

फैक्टरी बाजारों की बंदी
आने जाने पर पाबंदी
है अर्थव्यवस्था में मंदी
,तालाबंदी दो महीने की

मजदूर काम ना कुछ पाये
निज दर्द किसे वो दिखलाये
वो भूख पेट को तड़फाती
,वो आग धधकती सीने की

कितनी हो गयी तबाही है
सब करते त्राहि त्राहि  है
कोरोना वाइरस फैलाया,
 हरकत ये चीन कमीने की
 
वो मंदिर मस्जिद वो बाबा
वो तीर्थ सभी ,काशी काबा
सब बंद हुए,अब कहाँ गयी,
शक्ति वो दुःख हर लीने की
 
मैं घुस बैठा घर के अंदर
लगता है इंफेक्शन से डर
दूरी अपनों से रखी बना ,
हसरत में लम्बा जीने की
 
कोरोना से लगता है डर
हाथों में मल सेनेटाइजर
मेरे हाथ हो गये 'अल्कोहलिक
उन्हें आदत पड़ गयी पीने की

मदन मोहन बाहेती 'घोटू ;

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