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शुक्रवार, 1 मई 2020

पत्नीजी के जन्मदिवस पर

 हर दिन  यूं रंगीन  ना होता
अगर आज का दिन ना होता

ना तुम इस धरती पर आती
बनती मेरी  जीवन  साथी
इस जीवन में इतनी खुशियां ,
आ पाना मुमकिन ना होता
अगर आज का दिन ना होता
 
यह सुन्दर मृदु प्यार तुम्हारा
यह निश्छल  व्यवहार तुम्हारा
इतनी सेवा और समर्पण ,
शायद ये तुम बिन ना होता
अगर आज का दिन ना होता

निशदिन खिला रसीले व्यंजन
तुमने  तृप्त किया  मेरा मन
जीवन में मिठास भर दिया ,
तुम बिन ये लेकिन ना होता
अगर आज का दिन ना होता

मन था प्यासा ,बहुत उदासा
तुम गंगा सी ,मैं यमुना सा
यदि अपना संगम ना होता ,
हर दिन बड़ा हसीन ना होता
अगर आज का दिन ना होता

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

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