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मंगलवार, 10 दिसंबर 2019

चस्का चुनाव का


एक नवधनाढ्य से ,जब सम्भल नहीं पायी उसकी माया

तो उसे चुनाव लड़ कर नेता बनने का शौक चर्राया

वो मेरे पास आया

और बोला ,मैं अपनी जयजयकार सदा देखना चाहता हूँ

खुद को फूलों की मालाओं से लदा देखना चाहता हूँ

इसलिए मन कर रहा है नेता बनू और चुनाव  लड़ूँ

आप बताइये कौनसी पार्टी ज्वाइन करूँ

मैंने कहा कई पार्टियों के प्रमुख होते है बड़े विकट

करोड़ों में बेचते है चुनाव का टिकिट

तुम उनके चक्कर में मत  पड़ो

इससे बेहतर है कि इंडिपेंडेंट चुनाव लड़ो  

कई बार चुनाव के बाद नतीजों की ऐसी स्तिथि आती है

जब किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता,

तब इंडिपेंडेंट केंडिडेट की वेल्यू बहुत बढ़ जाती है

ऐसे में उसके भाग्य  का कमल ऐसा खिलता है

कि धन के साथ साथ ,उसे मंत्री पद भी मिलता है

वो ललचाया और बोलै ठीक है मैं इंडिपेंडेंट चुनाव लडूंगा

पर इस राह पर आगे कैसे बढूंगा

हमने कहा  इसके लिए आपको ,सबको सर झुका कर ,

प्रणाम करने की आदत डालनी होगी

और अपना गुणगान करनेवाले चमचों की

एक फ़ौज पालनी होगी

गरीब जनता के वोट पाने के लिए उन्हें लुभाना पड़ता है

पैसा और दारू ,पानी की तरह बहाना पड़ता है

पर ये काम आसान नहीं है ,

अन्य पार्टियों की नज़र से बचना पड़ता है

और जब आचार संहिता लग जाती है ,

तो बहुत संभल कर चलना पड़ता है

आप अपने चमचों से अलग अलग संस्थाएं

जैसे ' महिला उत्थान समिति 'बनवाये

और उनसे 'मातृशक्ति महिमा मंडन 'जैसे ,

समारोहों का आयोजन करवाए

अपने आपको ऐसे समारोहों का मुख्य अतिथि बनवाएं

और वो आपके हाथों हर महिला को ,

साडी ,सिलाई मशीन या अन्य गृह उपयोगी

उपकरण भेंट करवाये  

इसीतरह युवा विकास केंद्र 'स्थापित करवा ,

युवाओं को टेबलेट लेपटॉप का आपके हाथों वितरण होगा

और आपका प्रभावशाली भाषण होगा

वरिष्ठ नागरिक सेवा केंद्र '

सीनियर सिटिज़न सन्मान समारोह का आयोजन करवा

आपके हाथों बुजुर्गों को शाल अर्पित करवाएंगे

और आपके वोट सुनिश्चित हो जाएंगे  

इसमें पैसा तो आपका लगेगा पर कोई और दिखायेगा खर्चा

मुख्य अतिथि के रूप में आपका होगा चर्चा

लोग आपको पहचानने लग जाएंगे

और जब ये इन्वेस्टमेंट वोट में परिवर्तित होगा ,

आपके भाग्य जग जाएंगे

ये चुनाव का खेल बड़ा कॉम्प्लिकेटेड है ,आसान नहीं है

कई हथकंडे अपनाने पड़ते है ,आपको ज्ञान नहीं है

पर जब एक बार आप पूरे उत्साह और लगन के साथ

खेल के मैदान में उतरेंगे

तो  अपनी बुद्धि और धन के बल पर ,

नैया पार लगा ही लेंगे


मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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