पृष्ठ

बुधवार, 3 अक्तूबर 2018

चार पंक्तियाँ -५ 

उनकी हाँ में हाँ मिलाओ तुम सदा ,
बात हर एक पर  बजाओ तालियां 
अगर उनकी करी  ये चमचागिरी ,
समझो आशीर्वाद उनका पा लिया 
वो करे जो भी और जैसा भी करे ,
जरूरी, पुल तारीफों के बांधना 
बात उनके मन मुताबिक ना करी ,
लगेंगे  देने  तुम्हे  वो  गालियां 

घोटू 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।