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शुक्रवार, 21 सितंबर 2018

हम आलोचक है 

चीर द्रोपदी के जैसी अपनी बकझक है 
हम आलोचक है ,सबके निंदक है
 
कोई कुछ ना करे कहे हम ,कुछ ना करता 
जो कोई कुछ करता, कहते क्यों है करता 
और कर रहा है वो जो कुछ ,सब है गंदा 
मीन मेख सबमें निकालना ,अपना धन्धा 
करने कुछ न किसी को देंगे ,हम जब तक है 
हम आलोचक है ,सबके निंदक है 

खुला रखे सर कोई ,कहते बाल गिरेंगे  
व्यंग कसेंगे ,यदि वह जो टोपी पहनेगे  
टोपी क्यों सफ़ेद पहनी ,क्यों लाल न पहनी 
बात हम कहें   ,वो सबको पड़ती है सहनी
हम सबको गाली दे सकते ,हमको हक़ है 
हम आलोचक है ,सबके निंदक है 

दुनिया में सब चोर ,शरीफ एक बस हम ही 
सब गंवार है ,समझदार सब हम से कम ही 
हम सक्षम है ,बाहुबली हम ,हम में है बल 
भार  देश का ,हम संभाल सकते है केवल 
हमे दिलादो कुर्सी ,हम सबसे लायक है 
हम आलोचक है ,सबके निंदक है 

घोटू  

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