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सोमवार, 4 सितंबर 2017

तृण से मख्खन 

एक सूखा हुआ सा तृण 
भी निखर कर बने मख्खन 
किन्तु यह सम्भव तभी है,
पूर्णता से हो समर्पण 
घास खाती ,गाय भैंसे ,
और फिर करती जुगाली 
बदलती सम्पूर्ण काया ,
इस तरह से है निराली 
भावना मातृत्व की ,
उसमे मिलाती स्निघ्ता है,
चमत्कारी इस प्रक्रिया  
में बड़ी विशिष्टता  है 
और उमड़कर के थनो से ,
बहा करती दुग्धधारा 
जो है पोषक और जमकर ,
ले दधि का रूप प्यारा 
बिलो कर के जिसे मख्खन ,
तैर कर आता निकल है 
किस तरह हर बार उसका ,
रूप ये जाता बदल है 
कौनसा विज्ञान है ये ,
कौनसी है प्रकृति लीला 
शुष्क तृण का एक टुकड़ा ,
इस तरह बनता रसीला 
दूध हो या दही ,मख्खन ,
सभी देते हमें पोषण 
एक सूखा हुआ सा तृण 
किस तरह से बने मख्खन 

घोटू 

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