पृष्ठ

बुधवार, 7 जून 2017

जी का कमाल 

हमने उनसे पूछा कुछ तो उनने हमसे ' जी' कहा 
हमने कुछ माँगा तो जैसी आपकी मरजी   कहा 
उनकी इस छोटीसी 'जी' ने ,ऐसा जी में घर किया 
हमको एक उत्साह से और एनर्जी से  भर दिया 
झट से राजी हो गए हम ,भुगतते है  उसका फल 
उनकी 'हाँ जी ,हाँ जी'करते कटते है दिन आजकल

घोटू  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।