ज्ञान की बात
१
अगर आटा आज जो गीला सना
दुखी हो क्यों कर रहे मन अनमना
आड़ी तिरछी आज बनती रोटियां,
गोल रोटी भी कल लोगे बना
२
मुश्किलें तो आएगी और जायेगी
जिंदगी की जंग चलती जायेगी
खुश न हो,बीबी अगर मइके गयी,
चार दिन में लौट कर फिर आएगी
३
कभी दुःख है तो कभी फिर हर्ष है
यूं ही जीवन में सदा संघर्ष है
एक तारीख को भरा ,इतरा रहा,
तीस तक हो जाता खाली पर्स है
४
सेक लो रोटी,तवा जब गर्म है
अवसरों का लाभ,अच्छा कर्म है
मज़ा देते सिर्फ पापड़ कुरकुरे,
देर हो जाती तो पड़ते नर्म है
घोटू
१
अगर आटा आज जो गीला सना
दुखी हो क्यों कर रहे मन अनमना
आड़ी तिरछी आज बनती रोटियां,
गोल रोटी भी कल लोगे बना
२
मुश्किलें तो आएगी और जायेगी
जिंदगी की जंग चलती जायेगी
खुश न हो,बीबी अगर मइके गयी,
चार दिन में लौट कर फिर आएगी
३
कभी दुःख है तो कभी फिर हर्ष है
यूं ही जीवन में सदा संघर्ष है
एक तारीख को भरा ,इतरा रहा,
तीस तक हो जाता खाली पर्स है
४
सेक लो रोटी,तवा जब गर्म है
अवसरों का लाभ,अच्छा कर्म है
मज़ा देते सिर्फ पापड़ कुरकुरे,
देर हो जाती तो पड़ते नर्म है
घोटू
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