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बुधवार, 25 मई 2016

प्रेमपथ

         प्रेमपथ

 कितने ही बड़े से बड़े साहब की घरवाली 
कितनी ही आधुनिक हो,सजीधजी, निराली
हर सुबह और शाम,
हाथ में बेलन थाम
अपने  रसोई घर में ,
करती मिलेगी काम
क्योंकि 'किचन' का ,
सुखी वैवाहिक जीवन से बड़ा नाता है 
पति के दिल का रास्ता ,
पेट से,'व्हाया 'किचन 'जाता है

घोटू

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