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रविवार, 10 अप्रैल 2016

जमना जमाना

    जमना जमाना

जमना,जम जाना या फिर जमा कराना
या मौका  पड़ने  पर कोई को अजमाना
 कई तरह  का ,हमने देखा यहाँ  जमाना
सभी चाहते ,अपना अपना रंग जमाना
 कोई जमाता है पानी को बर्फ    बनाता
कोई दूध को जावन देकर ,दही  जमाता
कोई दूध जमा कर  आइसक्रीम  बनाते
ले लेकर के मज़ा,प्यार से उसको खाते
पैसे कमा ,जमा कुछ मालामाल हो गए
पूँजी ,जमा लुटा दी ,कुछ कंगाल हो गए
सर्दी में लोगों की कुल्फी जम जाती है
सच्ची बातें होती,मन को जम जाती है
वो जब सजती धजती है ,काफी जमती है
उनकी और हमारी जोड़ी भी जमती है
वो जब महफ़िल में आये,तो  रंग  जमाया
पहले जम कर जाम पिए फिर जम कर खाया 
उनने  जम कर रिश्व्त खाई,बन कर नेता
आज जमाना ,उनको जमकर गाली देता
जमा करोड़ों,स्विस बैंकों में ,उनके खाते
बाहुबली  है ,सब पर अपनी धौंस जमाते
पाली पोसी ,सुंदर बेटी ,जमी जमाई
जिनके साथ ,ब्याहते  हम ,वो बने जमाई
और दहेज में संग देते है ,जमा किया धन
 जम कर उनकी ,आवाभगत करे हम हरदम
दुनिया भर के टैक्स जमा पड़ते है  करना
चूक हुई  ,तो पड़ता है  अंजाम  भुगतना
पीना जाम ,जीमना,जम कर मौज मनाना
क्या बतलाएं ,कैसा आया ,आज  जमाना

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

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