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रविवार, 7 फ़रवरी 2016

रंगीन मिज़ाजी

      रंगीन मिज़ाजी

दिन भर तपने वाला सूरज भी,
रोज शाम जब ढलता है ,
रंगीन मिज़ाज़ हो जाता है
और बदलियों के आँचल पर ,
तरह तरह के रंग बिखराता है
तो क्यों न हम,
अपने जीवन की,
 ढलती उम्र के सांध्यकाल में
रंगीनियाँ लाये
जाते जाते  जीवन का ,
पूरा आनंद उठायें
अंततः रात तो आनी  ही है

घोटू

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