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बुधवार, 21 अक्टूबर 2015

हमवतनो से

       हमवतनो से

यह कह कर वो मुसलमान ,तू हिन्दू है
मारकाट कर ,झगड़ रहा आपस में तू है
गाय और सुवर के चक्कर में पड़ कर के,
आपस में इतनी  नफरत फैलाई क्यूँ  है
नेता लोग रोटियां अपनी सेक रहे है
और पड़ोसी ,चटखारे ले देख रहे है
साथ साथ कितने वर्षों से रहते आये,
भाई भाई से,हिन्दू मुस्लिम एक रहे है
कुछ भी दे दो नाम,राम हो चाहे अल्लाह ,
परमपिता वो ऊपरवाला ,एक प्रभू  है
आपस में इतनी  नफरत फैलाई क्यूँ  है
मंदिर हो ,मस्जिद हो चाहे हो गुरद्वारे
पूजा के स्थल ,ईश्वर के घर है सारे 
अपने अपने धर्म ,आस्था अपनी अपनी ,
मिलजुल रहते,आपस में थे भाईचारे
नाम धरम का लेकर के,तुमको लड़वाकर ,
नेता लोग कर रहे सीधा निज उल्लू है 
आपस में इतनी  नफरत फैलाई क्यूँ है 
हम सब भाई भाई से है,ईश्वर के बन्दे
झगड़ रहे आपस में हो नफरत में अंधे
गोटी हमको बना ,सियासी खेल खेलते ,
ये सब तो है  नेताओं के गोरख धंधे
इनके बहकावे ना आये,एक रहे हम,
एक तरह का लाल ,तुम्हारा ,मेरा खूं है
आपस में इतनी नफरत फैलाई क्यूँ है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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