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शुक्रवार, 25 सितंबर 2015

पति और मच्छर

               पति और मच्छर

पत्नीजी ,जब भी करती कोई फरमाइश,
     पति देवता झट से तुनक तुनक जाते है
ऐसे पति को ज्यादा भाव नहीं मिलता  है,
        पत्नी द्वारा वो मच्छर  समझे जाते  है 
तुनक मिजाजी और आशिक़ी करते रहना ,
       ये दोनों ही गुण  ,हर पति में पाये जाते
मच्छर भी आशिक़ हो गाल चूमते है या,
       तुन तुन कर,पत्नी के इर्द गिर्द  मंडराते
हिटलर सी ले काला 'हिट',बेलन के जैसा ,
           जब पत्नी स्प्रे करती , तो घबराते है 
डर के मारे ,इधर उधर उड़ते फिरते है,
       जहाँ जगह मिलती छुपने को,छुप जाते है
 इस चक्कर में उनकी हो जाती पौबारह ,
         ऐसी ऐसी जगह ढूंढ लेते   छुपने को
कभी जुल्फ में उनकी छुप कर सहलाते है,
        और कभी चोली में मिल जाता  रहने को
थकी हुई जब रातों को वो सोई रहती,
         पति हो या मच्छर ,तंग दोनों ही करते है
धूम्रपान करने से कैंसर हो जाता है,
           धूम्रपान  से इसीलिए  ,दोनों डरते  है
 दोनों को ही पत्नी लेती हलके में है,
           इसीलिये ,ज्यादा ऊंचे वो ना उड़ पाते
पानी में पलते ,चेहरे पर पानी देखा,
         रोक न पाते खुद को ,दीवाने  हो जाते
जितना भी रसपान कर सको,करलो,वरना ,
         क्षणभंगुर है जीवन ,मन को ,समझाते है        
ऐसे पति को ज्यादा भाव नहीं मिलता है,
            पत्नी द्वारा वो मच्छर  समझे जाते  है  

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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