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शुक्रवार, 14 अगस्त 2015

हम दोनों

         हम दोनों
अहंकार से एक भरा ,एक है चारा चोर
पहला है छप्पन छुरी ,और दूजा मुंहजोर
एक भालू उल्टा चढ़े,एक गुर्राता  बाघ,
एक पीना चाहे शहद,और एक सत्ताखोर
दोनों ही घबरा रहे,आया बब्बर शेर ,
इसीलिए है हो गया ,दोनों में गठजोड़
बिल्ली मौसी खा गयी,बुरी तरह से मात ,
वो भी है संग आ गयी,सभी हेकड़ी छोड़ 
एक खुद को चदन कहे,और दूजे को सांप ,
दोनों ही विष उगलते ,मचा रहे है शोर
एक दूजे को गालियां,देते थे जो रोज,
शुरू हो गया दोस्ती ,का अब उनमे दौर
दोनों ही है पुराने ,घुटे हुए और घाघ ,
राजनीति डी.एन.ऐ.,दोनों का कमजोर
उत्तर गए मैदान में,सबने  कसी लंगोट,
सब के सब है कह रहे'ये दिल मांगे मोर'

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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