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गुरुवार, 25 जून 2015

अच्छे दिन

             अच्छे दिन
                     १
प्रगति का पैमाना है जो अगर ऊंचाई
तो फिर हमने बहुत प्रगति कर ली है भाई
सब चीजों के दाम छू  रहे आसमान को ,
दिन  दिन दूनी बढ़ती जाती है  मंहगाई 
                         २
ग्राफ कीमतों का निश दिन है ऊपर चढ़ता
पानी भी अब तो ख़रीद कर  पीना पड़ता 
परिवार का पेट पालना अब मुश्किल है,
क्या ऐसे ही देश प्रगति के पथ पर बढ़ता
                            ३
दालें मंहगी ,अब सूखे पड़  गए निवाले
जीना हुआ  मुहाल ,पड़े  खाने के लाले
फिर भी हम है मन में बैठे आस लगाए ,
आज नहीं कल, अच्छे दिन है आने वाले

घोटू

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