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सोमवार, 22 जून 2015

संगीत

          संगीत

संगीत ,स्वरों की साधना है
संगीत ,ईश्वर की आराधना है
संगीत की सरगम ,सारे गम भुला देती है
संगीत भरी लोरी,रोते बच्चे को सुला देती है
संगीत के सुरों का जादू जब चलता है
तो दीपक राग से ,बुझा दीपक भी जलता है
संगीत  का साज जब सजता है 
तो मेघ मल्हार से जल भी बरस सकता है
पवन की सन सन में ,बादल की गर्जन में
पंछी के कलरव में ,भंवरों की गुंजन में
वर्षा की रिमझिम में ,नदिया के कलकल में
साँसों की सरगम में,जीवन के पलपल में
अगर आप गौर से देंगे ध्यान
पाएंगे ,संगीत है विद्यमान
संगीत में सुर होता है,
 और सुर का मतलब देवता होता है
सुरों का माधुर्य हम में देवत्व संजोता है
संगीत से ओतप्रोत ,प्रकृति का कण कण है
आओ हम संगीत सुने,संगीत ही जीवन है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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