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शुक्रवार, 15 मई 2015

मॉडर्न आशीर्वाद

          मॉडर्न आशीर्वाद

झुक कर ,छूकर के चरण कहा ,पोती ने ये दादी माँ से
दो ऐसा आशीर्वाद मुझे, जीवन गुजरे ,सुख ,सुविधा से
क्या आशीर्वाद इसे मैं दूँ, दादी  के  मन , असमंजसता
'दूधों नहाओ और पूतों फलो ',ये आशीर्वाद न अब फलता
है  श्राप सृदश्य ,कहूँ यदि हो,'अष्ठम  पुत्रम  सौभाग्यवती
दूँ आशीर्वाद  इस  तरह  का   , मेरी ना  मारी गयी   मती 
इसलिए  एकदम ,मैं  मॉडर्न , देती हूँ आशीर्वाद   तुझे
स्मार्ट  फोन की  तरह मिले, जीवनसाथी ,स्मार्ट  तुझे
जो हरदम साथ रहे तेरे  और पूरी  तेरी  हर  चाह करे
ऊँगली के नाच  इशारों पर ,तुझ संग जीवन  निर्वाह करे

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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