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शनिवार, 7 फ़रवरी 2015

सब मौसम अच्छे

        सब मौसम अच्छे

जब तुम अच्छे,जब हम अच्छे
गुजरेंगे  सब  मौसम   अच्छे
प्यार भरी ठंडक  गरमी  में,
और सर्दी में बंधन   अच्छे
 तुम भी सीधे,हम भी भोले,
नहीं बनावट के कुछ लच्छे
गाँठ पड़े ना और ना टूटे  ,
प्रेम सूत  के धागे   कच्चे
हमें भुला कर रम जाएंगे,
अपने अपने घर सब बच्चे
बस हम और तुमसाथ रहेंगे ,
तुम संग गुजरें,सब दिन अच्छे 
साथ निभाना ,तुम जीवन भर,
बन कर मेरे हमदम  सच्चे

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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