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रविवार, 2 नवंबर 2014

रंग-ए-जिंदगानी: शेर के आगे पर मेमने का हाल

रंग-ए-जिंदगानी: शेर के आगे पर मेमने का हाल: नलकु की टुटी-फुटी छत। रातों की मुसलाधार बरसात। आँधियों का चहुँ और शोर था बहार की तरह अंदर भी अंधेरा घनघोर था। बिजली की दहाड़ के...

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