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रविवार, 12 अक्टूबर 2014

प्यार की परिक्षा -मेंहदी

            प्यार की परिक्षा -मेंहदी
अबकी बार
करवाचौथ पर पत्नी ने लगाईं गुहार
सुनोजी!कम होता जा रहा है आपका प्यार
हमने कहा, क्या बात करती हो मेडम
हमारा प्यार बढ़ रहा है ,नहीं होरहा है कम
हर साल टरका  देते थे ,साडी दिला कर
 अबके से हीरे की अंगूठी दी है लाकर
पत्नी बोली ये तो ठीक है ,पर ऐसा है कहा जाता
पति जितना प्यार करता है ,
उतना गहरा  मेंहदी का रंग है आता
पर अबकी बार ,मेंहदी का रंग  कम  आया है
कहीं आपने कोई दूसरा चक्कर तो नहीं चलाया है
हम ने सर पीट लिया और सोचा ,
औरतें होती है कितनी होशियार
साल में तीन चार बार ,जब आते है त्योंहार
हाथों में लगवाती मेंहदी है
और इस तरह पति की परीक्षा लेती है
परचा कोई लिखता है,देता है कोई एक्ज़ाम
और पास फ़ैल का , पति पर लगता है इल्जाम
वैसे भी   जो  उम्र भर पत्नी से  डरे
अब मेंहदी ना रचे तो बेचारा पति क्या करे ?

 मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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