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रविवार, 21 सितंबर 2014

धीरज का फल

         धीरज का फल

हमने की ता उम्र कोशिश ,आप मुस्काते  रहें ,
         आपको खुश रखना होता ,कब भला आसान है
कुछ न कुछ तो नुस्ख लेते ढूंढ,गलती बताते ,
          हमेशा आलोचना करना तुम्हारा काम है
उमर के संग हम भी बदले और बदले आप भी ,
           मिल रहे सुर,एक दूजे का  बढ़ा सन्मान है
आप अब हमको सराहते ,करते है तारीफ़ भी,
          ये हमारी तपस्या और  धैर्य का   परिणाम है

घोटू  

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