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मंगलवार, 12 अगस्त 2014

धन्यवाद

                धन्यवाद

आज अपने बुजुर्गों का ,किया है सन्मान तुमने ,
               ये तुम्हारे विचारों की,सोच की, उत्कृष्टता है
लोग करते है तिरस्कृत ,जिन्हे बीता हुआ कल, कह,
             कर रहे उनको नमन तुम,ये तुम्हारी शिष्टता है
अनुभवों का मान करके,उम्र का सन्मान करके,
              सभी अपने वरिष्ठों को ,दिया है आल्हाद तुमने    
हमेशा सब खुश रहें ,फूलें ,फलें ,हो सुखी जीवन ,
             पा लिया अपने बड़ों का ,आज आशीर्वाद तुमने
 जिस तरह ऑरेन्ज में फांकें कई,पर सब बंधी है ,
              वैसे ही बंध  प्रेम डोरी से रहें,परिवार बन हम
हमारे इस परिसर में ,सदा फैले भाईचारा,
             एकता और संगठन हो ,रहें मिलजुल,प्यार बन हम

घोटू

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