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रविवार, 13 जुलाई 2014

अपनी अपनी दास्ताँ

         अपनी अपनी  दास्ताँ

हिन्दू कोई,कोई मुस्लिम
बौद्ध कोई है ,कोई क्रिस्चन
सिख है कोई,बहाई कोई ,
              सबकी अलग आस्था है
कोई इडली ,कोई डोसा
कोई जलेबी और समोसा
पूरी कोई परांठा  खाता ,
           सबका अलग नाश्ता है
कोई भूखा करता है व्रत
और खोलता कोई सदाव्रत
मोक्ष को  पाने  सभी का ,
         अपना अलग रास्ता है
दुखी निसंतान इन्सां
कोई बच्चों से परेशां
सबके है अपने अपने दुःख,
           सबकी अलग दास्ताँ है

घोटू

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