पृष्ठ

शनिवार, 15 फ़रवरी 2014

दिल्ली का दंगल

       दिल्ली का दंगल

कांग्रेस ,बीजेपी ,इक दूजे के दुश्मन
वेलेंटाइन डे पर दोनों मित्र गए बन
इक दूजे का साथ दिया और हाथ मिलाया
और 'आप 'की गवर्नमेंट का किया सफाया
करे तीसरा राज,सोच ये बोझ हो गयी
एक दूजे की मिलीभगत ,एक्सपोज हो गयी
जिसने जब सत्ता पायी  ,वो खुल कर खेले
गिरेबान   दोनों के   ही है      अंदर  मैले
अब चुनाव का ऊँट ,कौन करवट बैठेगा
दोनों की ही लुटिया कहीं डूबा ना देगा
हुयी सियासी कुश्ती ,दिल्ली के दंगल में
फंसी हुई है जनता ,बेचारी  दलदल में

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।