पृष्ठ

मंगलवार, 21 जनवरी 2014

खुशियों के क्षण


             खुशियों के क्षण

'नौ महीने तक रखा संग में,पिया खाया
जिसकी लातें खा खा करके मन मुस्काया
माँ जीवन में खुशियों का पल,सबसे अच्छा
रोता पहली बार ,जनम लेकर जब बच्चा
एक बार ही आता है  , ये पल जीवन में  
जब बच्चा रोता और माँ ,खुश होती मन में '

  मदन मोहन बाहेती 'घोटू'


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।