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गुरुवार, 26 दिसंबर 2013

आम आदमी

          आम आदमी

कानो पे है गुलबंद ,सर पे टोपी है सफ़ेद ,
                है सीधा,सादा और खरा ,आम आदमी
ना सरकारी बँगला है ना सरकारी कार है,
              ना है दिखावट उसमे जरा ,आम आदमी  
कहता है भ्रष्टाचार हम ,जड़ से मिटायेंगे ,
              विश्वास से है कितना भरा , आम आदमी
आया है बन के केहरी ,अरविन्द केजरी ,
              है शेर,किसी से न डरा ,आम आदमी

           
मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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