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गुरुवार, 28 नवंबर 2013

गांधी जी

             गांधी जी

कहते तो हैं वो गाधीजी को राष्ट्र का पिता ,
               बेटों ने अपने बाप के संग,देखो क्या किया
गड्ढों  भरी कुछ सड़कें बची ,उनके नाम की ,
              गांधीजी के सिद्धांतों को,सबने भुला दिया
लाखों ,करोड़ो नोटों पे,गांधी को छाप के ,
                रिश्वत के लेन देन  का,जरिया बना दिया
 गांधी की टोपी पहन के ,नेताजी बन गए ,
                  खद्दर पहन के खुद का मुकद्दर  बना लिया
गांधी का नाम लेके सत्ता से चिपक गये ,
                   जम्हूरियत को पुश्तेनी ,धंधा बना दिया
मारी थी गोडसे ने सिरफ तीन गोलियां,
                    सीने को इनने गांधी के ,छलनी बना दिया
गांधी को बेच बेच के,लिंकन को खरीदा ,
                     जाकर विदेशी बेंक में ,सारा  जमा किया
गांधी का सपना कोई मुकम्मल नहीं किया ,
                     सपनो को उनने अपने ,मुकम्मल बना लिया

मदन मोहन बाहेती'घोटू'                     

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