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रविवार, 29 सितंबर 2013

ओरेंज काउंटी -दिल से

         ओरेंज काउंटी -दिल से *

यह है एक संतरा
मधुर रस से भरा
संग पर अलग अलग ,है इसकी फांके
ये प्यारा ,परिसर
है पंद्रह  टावर
रहें सभी मिलजुल कर ,रिश्तों को बांधे
एक है परिवार
बरसायें मधुर प्यार
हर दिन हो त्योंहार ,सुख दुःख सब बांटे
साथ साथ,संग संग
बिखराएँ प्रेमरंग
जीवन में हो उमंग,हँसते ,मुस्काते

मदन मोहन बाहेती'घोटू'
*THE RESIDENTIAL COMPLEX,WHERE I LIVE

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