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शुक्रवार, 28 जून 2013

एक कवि पत्नी की व्यथा


     एक कवि पत्नी की व्यथा 

एक हनुमान जी थे,
जो अपने बॉस के दोस्त की,
 बीबी को ढूँढने के लिए  
समुंदर भी लांघ गए थे 
एक तुलसी दास जी थे,
जो बीबी से मिलने को बेकल हो,
उफनती नदी को पार कर,
साँप को रस्सी समझ लटक गए थे 
और एक हमारे हनुमान भक्त ,
कविराज पति जी है,
जो करते तो है बड़ी बड़ी बातें 
पर रात को बिस्तर पर पड़ा ,
एक तकिया तक नहीं लांघ पाते 
कविजी की पत्नी ने ,
अपनी व्यथा सुनाई,शर्माते,शर्माते 

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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