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मंगलवार, 28 मई 2013

दान की महिमा

  

दान की महिमा बड़ी महान 
रतन जवाहर उगले धरती ,खोदो अगर खदान 
और  खेत का सीना चीरो, तो उपजे  धन धान 
सच्चे मन से प्रभु को सुमरो ,मिलता है वरदान 
जीवन सारा है साँसों का बस  आदान  ,प्रदान 
मेरे सास ससुर ने मुझको ,दे निज कन्या दान 
बिन घर, बना दिया घरवाला ,किया बहुत अहसान 
पांच   साल में नेता चुनती  जनता,  कर  मतदान 
जीत चुनाव,करे जनता पर ,ढेरों टेक्स  लदान 
बेईमानी,लूटमार का ,है क्या कोई  निदान 
बड़े गर्व  से पर हम कहते ,मेरा देश   महान 

मदन मोहन  बाहेती 'घोटू'

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