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शुक्रवार, 30 नवंबर 2012

माँ की महत्ता

             पते की बात   
               माँ की महत्ता 
 भीग कर बारिश में लौटा,एक दिन मै  रात  में 
भाई बोला 'छाता  क्यों ना ,ले गये  साथ में '
बहन बोली'रूकती जब बरसात तुम आते तभी '
पिता बोले 'पड़ोगे बीमार ,सुधरोगे  तभी '
तभी मेरे सर को पोंछा ,माँ ने लाकर तौलिया
गरम प्याला चाय का ,एक बना कर मुझको दिया
'बेटे ,कपडे बदल ले,सर्दी न लग जाए तुझे '
महत्ता माँ की समझ में,आ गयी उस दिन मुझे
घोटू

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