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शनिवार, 3 नवंबर 2012
संकट तो है सब पर आते
संकट तो है सब पर आते
लेकिन जो धीरज धरते है,
मुश्किल में भी है मुस्काते
संकट तो है सब पर आते
हिल जाते है,पात,टहनियां,
लेकिन तना,तना रहता है
होती गहरी जड़ें ,उसीका,
बस अस्तित्व बना रहता है
झंझावत और तूफानों में,
सुदृढ़ वृक्ष ना हिल पाते है
संकट तो सब पर आते है
शिवशंकर,भगवान हमारे,
भी तो आये थे संकट में
भस्मासुर को वर दे डाला,
दौड़ा भस्म उन्ही को करने
रख कर रूप मोहिनी वाला,
श्री विष्णु है उन्हें बचाते
संकट तो है सब पर आते
राम रूप में प्रगटे भगवन ,
कितने संकट आये उन पर
भटके वन वन,उस पर रावण,
उड़ा ले गया,सीता को हर
संकटमोचन बन कर हनुमन,
सीता का है पता लगाते
संकट तो है सब पर आते
इसीलिये यदि आये संकट,
नहीं चाहिए हमको डरना
बल्कि धीर धर ,निर्भयता से,
रह कर अडिग,सामना करना
सच्चे साथी,साथ निभाते,
रहो अटल,संकट टल जाते
संकट तो है सब पर आते
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
बढिया रचना
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