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मंगलवार, 4 सितंबर 2012

उलझनें


जब भी तेरी याद आती है,
लबों पे मुस्कान थिरक जाती है,
पता नहीं वो कौन सी डोर है,
जो मुझे तुझसे बांध जाती है |


नजाने अनजाने होकर भी,
क्यों लगते हो मुझे अपनों से ?
बातें तेरी एहसास दिलाती,
रिश्ता हो अपना ज्यों जन्मों से |

पल भर का साथ भी तेरा,
दिल मे खुशियाँ बस भरता है,
पास तेरे बस आ जाने को,
ये मन क्यों तड़पा करता है ?

ये कैसा दिल का रिश्ता है,
न जाने क्या अंजाम है ?
हर वक्त क्यों याद आते हो,
इस रिश्ते का क्या नाम है ?

क्या उत्तर है मेरे प्रश्नो का,
क्यों इस कदर ये उलझने हैं ?
द्वंद में हैं अपने ही अंतर के,
क्या कभी ये प्रश्न सुलझने हैं ?

1 टिप्पणी:

  1. द्वंद्व में हैं अपने अंतर के .....हाँ प्यार है ये और प्यार जीवन का एक नखलिस्तान है ओएसिस है ...........क्षण भर को तुम गए दूर ,लगता था जैसे गए भूल ,जाने वाले जाते जैसे छोड़ पन्थ में अपने धूल ,रिश्ता तो मेरा तुमसे केवल दो दिन का ,पर सम्बन्ध पुराना है उतना ,दूर बसे प्रीतम से जितना पाती का ....मेरा तुमसे सम्बन्ध पुराना है उतना दीपक से जितना बाती का .
    बढ़िया एहसास है आपके ,प्यार का अपना प्रवाह और आवेग ,बे -कली होती है .

    मंगलवार, 4 सितम्बर 2012
    जीवन शैली रोग मधुमेह :बुनियादी बातें
    जीवन शैली रोग मधुमेह :बुनियादी बातें

    यह वही जीवन शैली रोग है जिससे दो करोड़ अठावन लाख अमरीकी ग्रस्त हैं और भारत जिसकी मान्यता प्राप्त राजधानी बना हुआ है और जिसमें आपके रक्तप्रवाह में ब्लड ग्लूकोस या ब्लड सुगर आम भाषा में कहें तो शक्कर बहुत बढ़ जाती है .इस रोगात्मक स्थिति में या तो आपका अग्नाशय पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन हारमोन ही नहीं बना पाता या उसका इस्तेमाल नहीं कर पाता है आपका शरीर .

    पैन्क्रिअस या अग्नाशय उदर के पास स्थित एक शरीर अंग है यह एक ऐसा तत्व (हारमोन )उत्पन्न करता है जो रक्त में शर्करा को नियंत्रित करता है और खाए हुए आहार के पाचन में सहायक होता है .मधुमेह एक मेटाबोलिक विकार है अपचयन सम्बन्धी गडबडी है ,ऑटोइम्यून डिजीज है .

    फिर दोहरा दें इंसुलिन एक हारमोन है जो शर्करा (शक्कर )और स्टार्च (आलू ,चावल ,डबल रोटी जैसे खाद्यों में पाया जाने वाला श्वेत पदार्थ )को ग्लूकोज़ में तबदील कर देता है .यही ग्लूकोज़ ईंधन हैं भोजन है हरेक कोशिका का जो संचरण के ज़रिये उस तक पहुंचता रहता है ..

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