मेरी कृतियाँ,चूम रही है आसमान को,
अपनी कृतियों के आगे ,मै,सूक्ष्म खिलौना
मैंने उड़ कर,चाँद सितारे ,नापे सारे,
मै अदना सा जीव,रहा बौना का बौना
कृतियाँ ही हैं जो आसमां को चूम सकती है ...जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ !
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।
कृतियाँ ही हैं जो आसमां को चूम सकती है ...
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