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शुक्रवार, 13 जुलाई 2012

मुस्कराना सीख लो

         मुस्कराना सीख लो

जिंदगी में हर ख़ुशी मिल जायेगी,

                        आप थोडा  मुस्कराना  सीख लो
रूठ जाना तो बहुत आसन है,
                      जरा रूठों  को मनाना   सीख लो
जिंदगी  है चार दिन की चांदनी,
                       ढूंढना    अपना ठिकाना  सीख लो
अँधेरे में रास्ते मिल जायेंगे,
                      बस जरा  अटकल लगाना  सीख लो
विफलताएं सिखाती है बहुत कुछ,
                    ठोकरों से  सीख पाना,    सीख लो
सफलता मिल जाये इतराओ नहीं,
                     सफलता को तुम पचाना  सीख लो
कौन जाने ,नज़र कब,किसकी लगे,
                     नम्रता सबको दिखाना सीख लो
बुजुर्गों के पाँव में ही स्वर्ग है,
                     करो सेवा,मेवा पाना सीख लो
सैकड़ों आशिषें हैं बिखरी पड़ी,
                    जरा झुक कर ,तुम उठाना सीख  लो
जिंदगी एक नियामत बन जायेगी,
                    बस सभी का  प्यार पाना  सीख लो

मदन मोहन बाहेती'घोटू'



3 टिप्‍पणियां:

  1. आज 16/07/2012 को आपकी यह पोस्ट (दीप्ति शर्मा जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!

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  2. वाह ... अनुपम भाव लिए उत्‍कृष्‍ट लेखन

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  3. तमाम जिंदगी के झमेलों के बावजूद मुस्कराना जो सीख जाय, वह समझो जग जीत गया ..आपने बहुत ही सुन्दर ढंग से इस बात को समझया है..बहुत अच्छी प्रस्तुति

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