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सोमवार, 20 फ़रवरी 2012

गीत

                   गीत
मक्की  की  रोटी सरसों का साग,
माँ के प्यार वाला मिठ्ठा वो राग.
आता है याद बहुत आता है याद........
बदले हैं दिन  चाहे  बदली  है  रातें,
जेहन में तरोताजा गुजरी वो बातें,
धुँआ उठ रहा चाहे बुझा  है चिराग.
आता है याद बहुत आता है याद.......
बेशक  उम्र  हो  गई  है पचपन की,
फिर  भी  न भूले  यादें बचपन की,
तालाब  किनारे  वाला  वो   बाग.
आता है याद बहुत आता है याद..........
जवानी  में  आँखें भी  चार  हुई   थी,
किसी के लिए हसरत बेकरार हुई थी,
मिटा  नही  दिल  पे  लगा  वो  दाग.
आता है याद बहुत आता है याद........"raina" 

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