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बुधवार, 22 फ़रवरी 2012

रखकर सर पर पैर, सयाना सरपट भागै--

प्रवीण जी ने फेसबुक से विदा ली


क्षण भर चेहरे देख के, करें जरूरी काम |
बड़ा मुखौटा काम का, छूटे नशे तमाम |

छूटे नशे तमाम, नशे का बनता राजा |
छोड़ जरुरी काम, बुलाये आजा आजा |

कह रविकर रख होश, मुखौटा खोटे लागै |
रखकर सर पर पैर, सयाना सरपट भागै ||

2 टिप्‍पणियां:

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