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रविवार, 26 फ़रवरी 2012

नसीब

हर कोई इस दुनिया में अपना नसीब लेकर आता है ,
किसी को मिलता है सब कुछ , 

तो कोई अपने नसीब से कुछ नहीं पाता है |
हर कोई इस दुनिया में अपना नसीब लेकर आता है |
कोई खुश है अपने नसीब पर ,
तो कोई बस अपने नसीब को कोसता रह जाता है |
हर कोई इस दुनिया में अपना नसीब लेकर आता है |
ये नसीब का ही खेल है शायद !
की कोई तो हार रहा है पल पल  ,
और कोई हर लम्हे को जीत के बैठ जाता है |
हर कोई इस दुनिया में अपना नसीब लेकर आता है |
हर किसी का नसीब लिखा है ऊपर वाले ने ,
अब देखना बस ये है ,

की कौन अपने नसीब को कितना बदल पाता है |
हर कोई इस दुनिया में अपना नसीब लेकर आता है |

                                                                        अनु डालाकोटी




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