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रविवार, 11 दिसंबर 2011

कुंड़लिया ----- दिलबाग विर्क


  आशा से संसार है, रखना दिल में आस 
 मंजिल होगी पास में, करते रहो प्रयास ।
 करते रहो प्रयास , झोंक दो पूरी ताकत 
 जीवन होगा सफल, न टिक पाएगी आफत ।
 मत डालो हथियार, हराती हमें हताशा 
 कहत विर्क कविराय, अमृतधार है आशा ।

                         --------- साहित्य सुरभि

                                  * * * * *

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