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बुधवार, 26 अक्टूबर 2011

साहित्य सुरभि: कुंडलिया छंद - 2

साहित्य सुरभि: कुंडलिया छंद - 2: दीवाली त्यौहार पर , जले दीप से दीप अन्धकार सब दूर हों , रौशनी हो समीप । रौशनी हो समीप, उमंग...

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपके पोस्ट पर पहली बार आया हूं । पोस्ट अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देकर मेरा भी मनोवल बढाएं । धन्यवाद ।

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