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सोमवार, 19 सितंबर 2011

भ्रूण में मरती हुई

 

बदचलन से दोस्ती, खुशियाँ मनाती  रीतियाँ
नेकनीयत से अदावत कर चुकी  हैं नीतियाँ |
आज आंटे की पड़ी किल्लत, सडा गेहूं बहुत-
भुखमरों को तो पिलाते, किंग बीयर-शीशियाँ ||
photo of a sugar ant (pharaoh ant) sitting on a sugar crystal
देख -गन्ने सी  सड़ी,  पेरी  गयी  इंसानियत,
ठीक चीनी सी बनावट ढो  रही हैं  चीटियाँ ||


हो  रही  बंजर  धरा, गौवंश  का  अवसान  है-
सब्जियों पर छिड़क दारु, दूध दुहती यूरिया ||


भ्रूण  में  मरती  हुई  वो  मारती इक वंश पूरा-
दोष दाहिज का  मरोड़े  कांच की नव चूड़ियाँ |


हो चुके इंसान गाफिल जब सृजन-सद्कर्म से,
पीढियां  दर  पीढियां, बढती  रहीं  दुश्वारियां  ||

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