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गुरुवार, 1 सितंबर 2011

स्मरण करो सिया राम का

स्मरण करो सिया राम का,
स्मरण करो सिया राम का,
कृपा सिन्धु गुण धाम का;
उल्टा जपके भी तर जाते,
पावन से उस नाम का |
स्मरण करो सिया राम का |


घट-घट में वे बसने वाले,
श्रद्धा सुमन वे देने वाले;
शिव भी जिनको जपते हैं,
पुरोषोत्तम घनश्याम का |
स्मरण करो सिया राम का |


असुरों का वध करने वाले,
धरनि का दुःख हरने वाले,
हनुमान जस भक्त हैं जिनके,
त्रिपुरारी भगवान् का |
स्मरण करो सिया राम का |


शबरी के फल खाने वाले,
उच्च चरित दर्शाने वाले;
भरत, लखन सम भ्रात जो पाए,
रघुकुल नायक राम का |
स्मरण करो सिया राम का |


धनुष बाण जिन हस्त को सोहे,
अनुपम रूप जगत को मोहे;
त्रिलोकी होकर भी मानव,
बन गए उस मतिमान का |
स्मरण करो सिया राम का |

4 टिप्‍पणियां:

  1. श्री राम के स्मरण से शुरू हो रही काव्य यात्रा में श्री राम का आशीष सदैव बना रहे

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  2. बधाई हो काव्य का संसार ब्लाग के शुभारंभ पे...ये ब्लाग नीत नये कीर्तीमान स्थापित करे....हमारी शुभकामनाएं सदैव साथ है....।

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  3. आदरणीय प्रदीप जी साहित्याभिवादन ,,,
    आपका प्रयास सराहनीय है ,आपको ,और काब्य का संसार के कविओं को हार्दिक बधाई
    अगर योगदानकर्ता में जगह मिलता है तो हमें भी प्रदान करे .....धन्यवाद ...........

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  4. हमारी शुभकामनाएं सदैव साथ है....
    सुन्दर अभिब्यक्ति....
    MITRA-MADHUR
    MADHUR VAANI
    BINDAAS_BAATEN

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